तिल एवं इसके बीजों से निकला गया तेल सर्दियों के लिए बनने वाले भोजन सामग्री का अभिन्न अंग है। आयुर्वेद के अनुसार तिल की तासीर गर्म होती है। इसलिए सर्दियों में इसका सेवन गुणकारी होता है। हालांकि धार्मिक महत्वता के कारण मकर संक्रांति के समय इसके बने व्यंजनों का सेवन विशेष कर किया जाता है। तिल 1-2 फीट के पौधों पर 2 सेंटीमीटर की फली से निकाले जाते हैं। ये मुख्यतः सफेद एवं काले रंग के होते हैं। परंतु स्वास्थ्य और धार्मिक दोनों रूप से काले रंग के तिलों का अधिक महत्व होता है।
प्रमुख तत्व
तिल में कई औषधीय तत्वो एवं गुणो का भंडार होता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम सेसमम इंडिकम हैं। तिलों में सेसमीन और सेस्मोलिन नामक तत्व होते हैं, जिन्हें कैंसररोधी माना जाता है। इसके अलावा तिलों में प्रोटीन, फाइबर, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, कॉपर, आयरन, विटामिन b1 आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। तिल के तेल में पोली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड एवं फाइटोस्ट्रोल होता है जिसे अच्छे फैट की श्रेणी में रखा जाता है। यह सभी तत्व हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
तिल के फायदे (Benefits of Sesame seeds)
1.सर्दियों की बीमारियों से बचाव में:
अपने गर्म तासीर के कारण सर्दियों में तिलों से बनने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है। यह इस मौसम में होने वाली सर्दी-जुखाम-बुखार आदि से बचाव करता है।
2. पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है:
तिल के बीजों में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है। फाइबर युक्त भोजन करने से सुबह पेट अच्छे से साफ होता है और पाचन क्रिया में सुधार होता है। कब्ज से परेशान व्यक्तियों को सर्दियों में तिल का सेवन अवश्य करना चाहिए।
3. हृदय को बने स्वस्थ:
तिलों में एंटीऑक्सीडेंट एवं एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह हृदय की कोशिकाओं को मजबूत करके हृदय को स्वस्थ बनाते हैं। तिल खराब कोलेस्ट्रॉल को काम करके उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है।
4.श्वसन तंत्र को तंदुरुस्त बनाएं:
तिल में मौजूद मैग्नीशियम एवं अन्य तत्व हमारे श्वसन तंत्र से जुड़ी कई बीमारियों से बचाव करते हैं। सर्दियों में इसके सेवन से श्वसन तंत्र स्वस्थ रहता है।
5.हड्डियों को बनाए मजबूत:
कैल्शियम की उच्च मात्रा होने से तिल हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। इससे सर्दियों में होने वाले हड्डियों एवं जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।
6.तनाव को कम करने में मददगार:
आजकल की दिनचर्या से होने वाली तनाव से ग्रसित व्यक्तियों के लिए तिलों का उपयोग लाभदायक होता है।
7.बाल और त्वचा की सेहत के लिए:
अपने तेलीय गुणो के कारण तिल बालों को मजबूती एवं त्वचा की नमी बनाए रखने में सहायक होते है।
8.प्रोटीन का अच्छा स्रोत:
शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का सेवन हमेशा एक चुनौती बनी रहती हैं। तिल के नियमित सेवन से, वे अपनी प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकते हैं।
9.रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में:
वर्तमान समय की असंतुलित जीवन शैली में नए रोगों से लड़ने के लिए हमारी इम्यूनिटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तिल में मौजूद विभिन्न औषधीय गुण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
10.आंखों की स्वास्थ्य के लिए:
आंख से जुड़े आयुर्वेद कई नुस्खो में तिल एवं तिल के तेल का उपयोग किया जाता है। यह आंखदर्द, आंख का लाल हो जाना रतौंधी जैसी कई समस्याओं के निदान में सहायक है।
कैसे करें तिलों का प्रयोग: (How to use Sesame seeds)
तिलों को सेककर या भूनकर सुबह भूखे पेट गुड़ के साथ सेवन कर सकते हैं। तिल एवं मूंगफली से बने व्यंजनो को सर्दियों में लंबे समय तक उपयोग कर सकते हैं।
तिल के तेल के रूप में आप इसका नियमित उपयोग कर सकते हैं खाना पकाने के साथ-साथ आप इसे सीधा बालों और त्वचा पर प्रयोग कर सकते हैं।
तिलों के सेवन में सावधानियां: (Side effects of Sesame seeds)
गर्भवती को तिल के सेवन से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
कुछ लोगों को इसके सेवन त्वचा पर खुजली के रूप में एलर्जी होने की संभावना होती है।
डायबिटीज ग्रसित लोगों को बिना चिकित्सक की सलाह के तिल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।